The smart Trick of hanuman chalisa That No One is Discussing

mom Janaki granted you the boon to bestow eight siddhi powers and nine types of wealth. You have the elixir of devotion to Rama. might you always stay his devoted servant.

भावार्थ – हे पवनकुमार! मैं अपने को शरीर और बुद्धि से हीन जानकर आपका स्मरण (ध्यान) कर रहा हूँ। आप मुझे बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करके मेरे समस्त कष्टों और दोषों को दूर करने की कृपा कीजिये।

अर्थ - आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ हैं, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियाँ (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व) और नौ निधियाँ दे सकते हैं।

सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ॥२०॥ राम दुआरे तुम रखवारे ।

कंचन बरन बिराज सुवेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा॥

व्याख्या – श्री हनुमान जी परब्रह्म राम की क्रिया शक्ति हैं। अतः उसी शक्ति के द्वारा उन्होंने भयंकर रूप धारण करके असुरों का संहार किया। भगवान् श्री राम के कार्य में लेश मात्र भी अपूर्णता श्री हनुमान जी के लिये सहनीय नहीं थी तभी तो ‘राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम‘ का भाव अपने हृदय में सतत सँजोये हुए get more info वे प्रभु श्री राम के कार्य सँवारने में सदा क्रिया शील रहते थे।

बरनउं रघुबर विमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

from the spiritual context, Hanuman symbolizes the human mind, which when disciplined and centered, can perform exceptional feats and triumph over difficult hurdles, much like the ‘destroyer of demons’.

आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय मे निवास कीजिए।

सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा। विकट रुप धरि लंक जरावा॥

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै॥

व्याख्या – मनुष्य के जीवन में प्रतिदिन–रात्रि में चारों युग आते–जाते रहते हैं। इसकी अनुभूति श्री हनुमान जी के द्वारा ही होती है। अथवा जागृति, स्वप्न, सुषुप्ति एवं तुरीय चारों अवस्थाओं में भी आप ही द्रष्टारूप से सदैव उपस्थित रहते हैं।

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी राजा ।

बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *